तेरे बिना तो जिन्दगी खाली लगती है
तु जो होती है साथ मेरे तो दिवाली लगती है….
ए खुदा कभी इश्क करने की गलती मत करना...
Woh aksar mujh se kehti thi wafa h zaat aurat ki
Mere hujre mein nahi aur kahi par rakh do Aasma laaye ho le aao zami par rakh do Ab kahaan dhundhne jaoge hamaare qaatil Aap to qatl ka ilzaam hami par rakh do Usne jis taaq pe kuch toote diye rakhe hain Chaand-taaro ko bhi le jaake wahi par rakh do
उसने दामन में जगह देकर बढ़ा दी इज्जत
वरना इस साहब से पूछो तो खाक हूं मैं
हालात जमाने के संभलने नहीं देते
हम साथ में चलते हैं तो चलने नहीं देते
नफरत की हवाओं को जमाने से मिटा दो
उल्फत के चिरागों को तो जलने नहीं देते
रहबर है अगर आप तो मंजिल का पता दो
बिगड़े हुए हालात की तकदीर बना दो
आएंगे अच्छे दिन यकीन है हमें
नफरत की पहले दीवार गिरा दो
अपनी हद से गुजर गया कोई
मेरे दिल में उतर गया कोई
वह कोई आईना नहीं लेकिन उसको देख सवार गया कोई
उसका एहसान कैसे बोलूंगा देकर अपना हुनर गया कोई
सोचता हूं अपने घर जा कर इतना पीके भी गर गया कोई
हरगिज़ गलत निगाहों से परखा ना कर मुझे
मैं तेरा हो चुका हूं सोचा ना कर मुझे
तनहाइयों में बैठकर तनहा ना कर मुझे
मैं घुट के मर ना जाऊं ऐसा ना कर मुझे
तू मुझको भूल जाए मुझे इसका गम नहीं
लेकिन खुदा के वास्ते रुसवा ना कर मुझे
Ejaz तेरे इश्क में बीमार हो गया
तेरा मरीज ए इश्क हूं अच्छा ना कर मुझे
हद से ज्यादा भी प्यार मत करना
दिल हर एक पे निसार मत करना
जहां खबर किस जगह रुक जाए सांस का ऐतबार मत करना
आईने की नजर ना लग जाए इस तरह से सिंगार मत करना
हर तीर तेरी तरफ ही आएगा क्यों हवा में शिकार मत करना और डूब जाने का जिसमें खतरा है ऐसे दरिया को पार मत करना
देख तोबा का दर खुला है अभी कल का तू इंतजार मत करना
मुझको खंजर ने यह कहा है एजाज तू अंधेरों में वार मत करना
हमने वतन के वास्ते क्या क्या नहीं किया
और आप कह रहे हैं कि क्या क्या नहीं किया
धोखा वफा की राहों में खाए हैं जरूर
लेकिन किसी के साथ धोखा नहीं किया
हमने गुजार दी फकीरी में जिंदगी
लेकिन कभी जमीन का सौदा नहीं किया
दिल को जला कर दी है जमाने को रोशनी
जुगनू पकड़ के उजाला नहीं किया
हबो को मेरे टॉप लिया आपने हजूर
क्या बात है कि आपने कभी चर्चा नहीं किया
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